देख न सकतीं आँखें जिसको मैंने उसको देखा है।
दिखा रहा जो सब में खुद को मैंने उसको देखा है।।ध्रु।।
अब तुम मुझसे ये मत कहना “बतलाओ वह कैसा है?”
उस जैसा बस एक वही, वह ऐसा है ना वैसा है।।१।।
होता कुछ उस जैसा तो मैं बतलाता वह कैसा है।
तुम्हें लगेगा तुम जैसा वह, मुझे लगा मुझ जैसा है।।२।।
मैंने सच्चित्सुख श्रीप्रभु की जगदाकृति को देखा है।
अस्ति भाति प्रियतम माणिक की ज्ञानाकृति को देखा है।।३।।
0 Comments